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khawab ye tere mere...

ख्वाब ये  तेरे मेरे...
साथ जीने की, 
हसने लड़ने की, 
साथ चलने की,
ख्वाब ये तेरे मेरे...
मैं सोई तू जागे,
मैं बैठी तू भागे, 
मैं खुश रहूँ तू जो चले ना पीछे ना आगे,
ख्वाब ये तेरे मेरे...
तू जो रूठे तो मेरी आवाज़ गुम हो जाती है,
तू जो छूटे तो बेचैनी बढ़ जाती है,
ख्वाब ये तेरे मेरे...
नींद की गहराइया मुझे घेर लेती है,
तू जगता रहता मेरी आखें सो लेती है,
तू इन्तेज़ार कर समझ लेता है,
तू बेक़रार हो के भी मुझे सोने देता है,
ख्वाब ये तेरे मेरे...

- Shrabani

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